मेरा भरोसा मजाक बनकर रह गया,
दिल के सोदागरो से दिललगी कर बैठे,
शायद इसीलिए मेरा प्यार इक अल्फाज बनकर रह गया।
मेरी आंखों के आंसू कह रहे मुझसे,
अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता,
न रोक पलको से खुल कर छलकने दे,
अब यूं इन आंखों में रहा नहीं जाता।
Users browsing this forum: No registered users and 31 guests